धनप्रयोग

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धनप्रयोग संज्ञा पुं॰ [सं॰] धन को किसी व्यापार में लगाने या ब्याज पर उधार देने का कार्य । रुपया लगाने का काम । विशेष—मुहूर्तचिंतामणि, ज्योतिप्रकाश आदि फलित ज्यौतिष के ग्रंथों में इस बात का विचार किया गया है कि किन किन नक्षत्रों या दिनों में धनप्रयोग करना चाहिए, किन किन में नहीं ।