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धनप्रयोग

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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धनप्रयोग संज्ञा पुं॰ [सं॰] धन को किसी व्यापार में लगाने या ब्याज पर उधार देने का कार्य । रुपया लगाने का काम । विशेष—मुहूर्तचिंतामणि, ज्योतिप्रकाश आदि फलित ज्यौतिष के ग्रंथों में इस बात का विचार किया गया है कि किन किन नक्षत्रों या दिनों में धनप्रयोग करना चाहिए, किन किन में नहीं ।