धनुजाग

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धनुजाग पु संज्ञा पुं॰ [सं॰ धनु + यज्ञ] धनर्यज्ञ । उ॰—हिय मुदित अनहित रुदित मुख छबि कहत कबि धनुजाग की ।— तुलसी ग्र॰, पृ॰ ५५ ।