धमक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धमक ^१ संज्ञा स्त्री॰ [अनु॰ धम]

१. भारी वस्तु के गिरने का शब्द । भार डालते हुए जमीन पर पड़ने की ध्वनि । आघात का शब्द ।

२. पैर रखने की आवाज । पैर की आहट ।

३. वह कंप जो किसी भारी वस्तु की गति के कारण इधर उधर मालूम हो । आघात आदि से उत्पन्न कंप या विचलता । जैसे,—(क) पत्थर इतने जौर से गिरा कि धमक से मेज हिल गई । (ख) रेल के पास आने पर जमीन में धमक सी मालूम होती हैं ।

४. आघात । चोट ।

५. वह आघात जो किसी भारी शब्द से हृदय पर मालूम हो । दहल ।

६. गड्ढा (पालकीवाले) ।

धमक ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰] [स्त्री॰ धमिका]

१. धौंकनेवाला ।

२. लौहार । कर्मकार ।