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धरण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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धरण संज्ञा पुं॰ [पुं॰] १ धारण । रखने , थामने, ग्रहण करने या सँभालने की क्रिया ।

२. एक तौल जो कहीं २४ रत्ती, कहीं १० पल, कहीं १६ माशे, कही १/१० शतमान, कहीं १९ निष्याव, कहीं २/५ कर्ष, कहीं १/१० पल की मानी गई है ।

३. बाँध । पुल ।

४. संसार । जगत् ।

५. सूर्य ।

६. स्तन ।

७. धान ।

८. एक नाग का नाम ।

९. पहाड़ का किनारा (को॰) ।

१०. हिमालय (को॰) ।

११. सहारा । आधार (को॰) ।