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धर्मग्रंथ

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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धर्मग्रंथ संज्ञा पुं॰ [सं॰ धर्मग्रंन्थ] वह ग्रंथ या पुस्तक जिसमें किसी जनसमाज के आचार व्यवहार और उपासना आदि के संबंध में शिक्षा हो ।