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धस

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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धस संज्ञा पुं॰ [हिं॰ धंसना (= पैठना)]

१. जल आदि में प्रवेश । डुबकी । गोता । उ॰— (क) जो पथ मिला महेसहिं सेई । भयो समुद ओही धस लेई ।— जायसी (शब्द॰) । (ख) जस धस लीन्ह समुद्र भरजीया ।— जायसी (शब्द॰) । (ग) तेहि का कहिय रहन कहँ जो है प्रीतम लाग । जो वहि सुनै लेइ धस, का पानी का आग ।—जायसी (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—लेना ।

२. एक प्रकार की जमीन या मिट्टी जो भुरभुरी होती है ।