धातुवाद

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धातुवाद संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. चौसठ कलाओँ में से एक, जिसमें कच्ची धातु को साफ करते, तथा एक में मिली हुई अनेक धातुओं को अलग अलग करते हैं ।

२. रसायन बनाने का काम ।

३. ताँबे से सोना बनाना ।

४. कीमियागिरी । उ॰— धातुवाद निरुपधि सब सदगुरु लाभ सुमीत । देव दरस कलिकाल में पोथिन दुरे सभीत ।—तुलसी (शब्द॰) ।