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धारण

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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धारण संज्ञा पुं॰ [सं॰] किसी पदार्थ को अपने ऊपर रखना अथवा अपने किसी अंग में लेना । थामना, लेना या अपने ऊपर ठहराना । जैसे, शेष जी का पृथ्वी को धारण करना, शिव जी का गंगा को धारण करना, हाथ में छड़ी या अस्त्र धारण करना ।

२. परिधान । पहनना । जैसे, वस्त्र या आभूषण धारण करना ।

३. सेवन करना । खाना या पीना । जैसे, शिव जी का विष धारण करना, औषध धारण करना ।

४. अवलंबन करना । अंगीकार करना । ग्रहण करना । जैसे, पदवी धारण करना । मौन धारण करना ।

५. ऋण लेना । कर्ज लेना । उधार लेना ।

६. कश्यप के एक पुत्र का नाम ।

७. शिव जी का एक नाम ।