धारणी

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धारणी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰]

१. नाड़िका । नाड़ी ।

२. श्रेणी । पंक्ति ।

३. धारण करनेवाली । पृथ्वी । ४ सीधी लकीर ।

५. बोद्ध तंत्र का एक अंग जो प्रायः हिंदू तंत्र के कवच के समान है । विशेष— इसका प्रचार नेपाल, तिब्बत, तथा बरमा के बौद्धों में अधिकता से है । बौद्ध तांत्रिक इसे अभीष्टसिद्धि औरर दीर् घ जीवन का साधन मानते हैं । इसके अधिकांश के उपदेष्टा बुद्ध और श्रोता आनंद या वज्रपाणि माने जाते हैं ।

६. १६० हाथ लंबी,

२०. हाथ चौड़ी और १६ हाथ ऊँची नाव । (युक्तिकल्पतरु) ।