धारी

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धारी ^१ वि॰ [सं॰ धरिन्] [स्त्री॰ धारिणी]

१. धारण करनेवाला । जिसने धारण किया हो । विशेष— इस अर्थ मे इसका प्रयोग यौगिक शब्दों के अंत में होता है । जैसे छत्रधारी ।

२. किसी ग्रंथ कै तात्पर्य की भाँति जाननेवाला ।

३. ऋण लेनेवाला । कर्जदार ।

३. पोलू का पेड़ ।

धारी संज्ञा पुं॰

१. एक वर्णवृत्त जिसके प्रत्येक चरण मे पहले तीन जगण और तब एक यगण होता है । जैसे,— जु काल मँह छवि देखत बीते । तुम्हार प्रभू गुण गावत ही ते । कृपा करि देहु वहै गिरिधारी । याचौ कर जोरि सुभक्ति तिहारी ।

२. दे॰ 'धारि' — ३ ।

३. पीलू का पेड़ ।

धारी ^३ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ धारा]

१. सेना । फौज ।

२. समूह । झुंड़ ।

३. रेखा । लकीर । जैस,— यदि इस कपड़े पर कुछ धारियाँ होती तो और भी अच्छ होता । यौ॰—धारीदार ।

४. पुश्ता ।