धावक

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धावक संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. दोड़कर चलनेवाला । हरकारा । उ॰— धावक आप महोब कहें, सोम ववी सुनु वत्त ।—प॰ रासो, पृ॰ ११० ।

२. धोबी । रजक ।

३. संस्कृत साहित्य के एक आचार्य और कवि जिनका नाम कालिदास के मालविकाग्नि- मित्र नाटक तथा काव्यप्रकाश और साहित्याहार में आया है ।