धुरई

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धुरई † संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ धुर + ई] कुएँ के खंभों आदि के बिच में आडे़ टिकाए हुए वे दोनों बाँस या लंबी लकड़ियाँ जिनके जमीन पर वाले सिरे आपस में सटाकर मजबूती से बाँधे रहते हैं और दूसरे सिरों के बीच में वह छोटी लकड़ी या खूँटी जड़ी रहती है जिसमें गराड़ी पहनाई होती है ।