धृष्ट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धृष्ट ^१ वि॰ [सं॰] [वि॰ स्त्री॰ धृष्टा]

१. संकोच या लज्जा न करनेवाला । जो कोई अनुचित या बेढंगा काम करते हुए कुछ भी न सहमे । निर्लज्ज । बेहया । प्रगल्भ । विशेष—साहित्य में 'धृष्ट नायक' उसको कहते हैं जो अपराध करता जाता है, अनेक प्रकार का तिरस्कार सहता जाता है, पर अनेक बहाने करेक बातें बनाकर नायिका के पीछे लगा ही रहता है ।

२. अनुचित साहस करनेवाला । ढीठ । गुस्ताख । उद्धत ।

३. बहादुर । साहसी (को॰) ।

४. आत्मविश्वासी (को॰) ।

५. निर्दयी । क्रूर ।

धृष्ट ^२ संज्ञा पुं॰

१. चेदिवंशीय कुति का पुत्र (हरिवंश) ।

२. सप्तम मनु के एक पुत्र का नाम (भागवत) ।

३. अस्त्रों का संहार (वाल्मीकि॰) ।

४. साहित्य के अनुसार वह नायक जो बार बार अपराध करता है, अनेक प्रकार के अपमा न सहता है, पर फिर भी किसी न किसी प्रकार बातें बनाकर नायिका के साथ लगा रहता है । उ॰—लाज धरै मन में नहीं, नायक धृष्ट निदान ।—मतिराम (शब्द॰) ।