प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
धेनुक संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. एक राक्षस का नाम जिसे बलदेव जी ने मारा ता (हरिवंश) ।
२. महाभारत के अनुसार एक तीर्थ । यहाँ स्नान करके तिल की धेनु दान करने का विधान है ।
३. रतिमंजरी के अनुसार सोलह प्रकार के रतिबंधों में से एक ।