धोती

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

धोती संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ अधोवस्त्र, हिं॰ अधोतर या सं॰ धौत (धौत- वस्त्र)] नौ दस हाथ लंबा और दो ढाई हाथ चौड़ा कपड़ा जो पुरुष की कटि से लेकर घुटनों के नीचे तक का शरीर और स्त्रियों का प्रायः सर्वाग ढाकने के लिये कमर में लपेटकर खोंसा या ओढ़ा जाता है । उ॰—सूरज जेहि की तपै रसोई । नितहि बसंदर धोती धोई ।—जायसी (शव्द॰) । (ख) पीत पुनित मनोहर धोती । हरत बाल रवि दामिनि जोती ।—तुलसी (शब्द॰) । क्रि॰ प्र॰—पहनना । मुहा॰—धोती बाँधना = (१) धोती पहनना । उ॰—मुद्रा श्रवन जनेऊ काँधे । कनक पत्र धोती कटि बाँधे ।-जायसी (शब्द॰) । (२) तैयार होना । सन्नद्ध होना । धोती ढीली करना = डर जाना । भयभीत होना । डरकर भागना । धोती ढीली होना = भय होना । डर होना । उ॰—यह सामान देखकर चंद्रापीड़ की धोती ढीली हुई ।—गदाधरसिंह (शब्द॰) ।

धोती ^२ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ धौति]

१. योग की एक क्रिया । दे॰ 'धौति' ।

२. एक अँगुल चौड़ी और चौवन (५४) अंगुल लंबी कपड़े की धज्जी जिसे हठयोग की 'धौति' क्रिया में मुँह से निगलते हैं ।

धोती ^३ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार का बाज जिसकी मादा को बेसरा कहते हैं ।