नंखना क्रि॰ सं॰ [सं॰ नड़क्ष, प्रा॰ णंख] फेकना । उ॰— पारस मनि नृप नंखियो, करि कंचन के ग्राम । अंतरीछ उड़ि के गयो, नरवाहन के धाम ।— प॰ रासो पृ॰ ३४ ।