नंदातीर्थ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

नंदातीर्थ संज्ञा पुं॰ [सं॰ नन्दातीर्थ] एक नदी और तीर्थ जो हेमकूट पर्वत पर है । विशेष—महाभारत में लिखा है कि यहाँ सदा बहूत तेज हवा बहती रहती है, जोर से पानी बरसता रहता है, साधारण लोग पहुँच नहीं सकते, और सदा वेदध्वनि सुनाई पड़ती है पर कोई वेद पढ़नेवाला दिखाई नहीं देता । सबेरे और संध्या यहाँ अग्निदेव के दर्शन होते हैं । यहाँ बैठकर यदि कोई तपस्या करना चाहे तो उसे मक्खियाँ काटने लगती हैं । युधिष्टिर अपने भाइय़ों के साथ एक बार इस तीर्थ में गए थे ।