नउ पु वि॰ [सं॰ नव] १. दे॰ 'नव' । उ॰—ताकहँ गुरू करइ अस माया । नउ अउतार देइ नइ काया ।—जायसी (शब्द॰) । २. दे॰ 'नौ' । उ॰—नउ पउरी बाँकी नउ खंड़ा । नउ ऊजो चढ़इ जाई ब्रह्मंड़ा ।—जायसी (शब्द॰) ।