नकल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

नकल संज्ञा स्त्री॰ [अ॰ नक़ल] ? वह जो सच्चा, खरा या असल न हो बल्कि असल को देखकर रूप, रंग, आकृति आदि में उसी के अनुसार बनाया गया हो । वह जो किसी दूसरे के ढंग पर या उसकी तरह तैयार किया गया हो । अनुकृति । कापी । जैसे,—(क) वह मकान उस सामनेवाले ती नकल है । (ख) इस नकल ने तो असल को भी मात कर दिया ।

२. एक के अनुरूप दूसरी वस्तु बनाने का कार्य । अनुकर ण क्रि॰ प्र॰—उतारना ।—करना ।—बनाना ।—होना ।

३. लेख आदि की अक्षरशः प्रतिलिपि । कापी । जैसे,—(क) इस शिलालेख की एक नकल हमारे पास भी आई है । (ख) इस दस्तावेज की नकल करा लो तो बड़ा काम हो । क्रि॰ प्र॰—उतारना ।—करना ।—होना ।—होना ।

४. किसी के वेश, हाव भाव या बातचीत आदि का पूरा पूरा अनुकरण । स्वाँग । जैसे,—(क) वह उनकी खूब नकल उता- रता है । (ख) कल महफिल में भाँड़ों ने नवाब साहब की एक बहुत अच्छी नकल की थी । क्रि॰ प्र॰—उतरना ।—उतारना ।—करना ।— बनना ।— होना ।

५. अद्भुत और हास्यजनक आकृति । जैसे,—आज तो आप बिल- कुल नकल बनकर आए है । उ॰—नकल है कोई शख्स घरे सूँ उने शहर कूँ आया तमाशा देखने । —दक्खिनी॰, पृ॰ ३८१ ।

६. हास्य़ रस की कोई छोटी मोटी कहानी या बात चीत । चुटकुला ।