नकुलतैल

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

नकुलतैल संज्ञा पुं॰ [सं॰] वैद्यक में एक प्रकार का तेल । विशेष—यह नेवले के मास में बहुत सी दूसरी ओषधियाँ मिलाकर बनाया जाता है । इसका व्यवहार पान, अभ्यंग और वस्तिक्रिया में होता है । वैद्यक के अनुसार इससे आमवात, शरीर के सब अंगों का कंप और कमर, पीठ, जाँघ आदि का वात का दरद दूर होता है ।