नक्षत्रदान
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]नक्षत्रदान संज्ञा पुं॰ [सं॰] पुराणानुसार भिन्न भिन्न नक्षत्रों में भिन्न भिन्न पदार्थों का दान । विशेष—जैसे, रोहिणी नक्षत्र में घी, दूध और रत्न, मृगशिरा नक्षत्र में बछड़े सहित गौ, आर्द्रा में खिचड़ी, हस्त में हाथी और रथ, अनुराधा में उत्तरीय सहित वस्त्र, पूर्वाषिढ़ा में बरतन समेत दही और साना हुआ सत्तु, रेवती में काँसा, उत्तराभाद्रपद में मांस आदि । इस प्रकार के दान से बहुत अधिक पुण्य होता है और स्वर्ग मिलता है ।