नक्षत्रशूल
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]नक्षत्रशूल संज्ञा पुं॰ [सं॰] फलित ज्योतिष में काल का वह वास जो किसी विशिष्ट दिशा में कुछ विशिष्ट नक्षत्रों के होने के कारण माना जाता है । विशेष—यदि पूर्व दिशा में श्रवण या ज्येष्ठा, दक्षिण में अश्विनी या उत्तराभाद्रापद, पश्चिम में रोहिणी या पुष्य और उत्तर में उत्तर फाल्गुनी या हस्त नक्षत्र हों तो उस दिशा में यात्रा आदि के लिये, नक्षत्रशूल माना जाता है ।