नाट

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

नाट पु ^२ संज्ञा पुं॰ [हिं॰] बाण की गाँसी । नाटसाल । उ॰— तिय तन वितन जु पंच सर, लगे पंच ही बाट । चुँबक साँवरे पी बिनु, क्यों निकसहिं ते नाट । — नंद॰ ग्रं॰, पृ॰ १३५ ।