नादार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

नादार वि॰ [फा॰]

१. जो अपने पास कुछ न रखता हो । जिसके पास कुछ न हो । अकिंचन । निर्धन । कंगाल । उ॰— बाद अज जिके कल्बी लेवे दिल में मखफी बूझ । जिन ताकूँ नादार झंकारे तो मजिल मलकूत तूज ।—दक्खिनी, पृ॰ ५६ ।

२. गंजीफे के खेल में बिना रंग या मीर की बाजी ।