नालकी संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ नाल (=डंडा)] इधर उधर से खुली पालकी जिसपर एक मिहराबदार छाजन होती है । ब्याह में इसपर दूल्हा बैठकर जाता है । उ॰—चढ़ि नालकी नरेश तहँ संयुत चारि कुमार । रंगमहल गवनत भए संग सचिव सरदार ।—(शब्द॰) ।