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निखरना

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प्रकाशितकोशों से अर्थ

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शब्दसागर

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निखरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ निक्षरण (= छँटना)]

१. मैल छँटकर साफ होना । निर्मल और स्वच्छ होना । धुलकर झक होना ।

२. रंगत का खुलता होना । उ॰— मंगल कुंकुम को श्री जिसमें निखरी हो ऊषा की लाली । भोला सुहाग इठलाता हो ऐसी हो जिसमें हरियाली ।—कामायनी, पृ॰ १०० । संयो॰ क्रि॰—आना ।—जाना ।