निगूढार्थ

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

निगूढार्थ वि॰ [सं॰] जिसका अर्थ छिपा हो । विशेष— न्यायसभा में उपस्थित दोनों पक्षवालों के जो उत्तर उत्तराभास (जो उत्तर ठिक न हो) कहे गए हैं उनमें निगूढ़ार्थ भी है । जैसे, यदि प्रतिपक्षी से पूछा जाय कि क्या सौ रुपये तुम्हारे ऊपर आते हैं और वह उत्तर दे कि 'क्या मेरे ऊपर इसके रुपये आते है' । इस उत्तर से यह ध्वनि निकलती है कि दूसरे किसी के ऊपर आति हैं ।