नित्य
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]नित्य ^१ वि॰ [सं॰]
१. जो सब दिन रहे । जिसका कभी नाश न हो । शाश्वत । अविनाशी । त्रिकालव्यापी । उत्पत्ति और विनाशरहित । जैसे,—ईश्वर नित्य है । विशेष— न्याय मत से परामाणु नित्य हैं । सांख्य मत से पुरुष और प्रकृति दोनों नित्य है । वेदांत इन सबका खंडन करके केवल ब्रह्म को नित्य कहता है ।
२. प्रतिदिन का । रोज का । जैसे, नित्यकर्म ।
नित्य ^२ अव्य॰
१. प्रतिदिन । रोज रोज । जैसे— वह नित्य यहाँ आता है ।
२. सदा । सर्वदा । अनवरत । हमेशा ।
नित्य ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰] सागर । समुद्र [को॰] ।