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निथरना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

निथरना क्रि॰ अ॰ [सं॰ निस्तरण; अथवा हिं॰ उप॰ नि + थिर + ना (प्रत्य॰)]

१. पानी या और किसी पतली चीज का स्थिर होना जिससे उसमें घुली हुई मैल आदि नीचे बैठ जाय । थिरकर साफ होना ।

२. घुली हुई चीज के नीचे बैठ जाने से जल का अलग हो जाना । पानी छन जाना ।