निमय

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

निमय संज्ञा पुं॰ [सं॰] वस्तुविनिमय । पदार्थोँ का अदल बदल । विशेष—गौतम धर्मसूत्र में लिखा है कि ब्राह्मण गौ, तिल, दूध, दही, फल, मूल, फूल, ओषधि, मधु, मांस, वस्त्र, सन, रेशम आदि पदार्थो का मुद्रा लेकर विक्रय न करें । यदि उनको ऐसा करने की जरूरत ही पड़े तो वे विनिमय कर लें । अन्नादि का अन्नादि से और पशुओं का पशुओँ से ही बदला किया जाय । नमक तथा पक्वान्न के लिये यह नियम नहों हैं । कच्चा पदार्थ देकर पक्वान्न लिया जाय । तिलों क्रय विक्रय में धान्य के सद्दश ही नियम हैं ।