निरत
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]निरत ^१ वि॰ [सं॰]
१. किसी काम में लगा हुआ । तप्पर । लीन । यशगूल ।
२. प्रसन्न (को॰) ।
३. विश्रांत (को॰) ।
निरत पु † ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰ नृत्य] दे॰ 'नृत्य' । उ॰—बिन पग नटरा निरत करत हैं, बिन कर बाजै ताल ।—घरम॰, पृ॰ ५९ ।
निरत पु ^३ अव्य [हिं॰] लगातार । अनवरत ।
निरत पु ^४ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ निरति] दे॰ 'निरति' । उ॰—अध ऊरध बिच सुरति समानी । निरखा सब्द निरत अलगानी ।—घट॰ पृ॰ १०८ ।