निरयण
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
निरयण संज्ञा पुं॰ [सं॰] अयनरहित गणना । ज्योतिष में गणना की एक रीति । विशेष—सूर्य राशिचक्र में निरंतर धूमता रहता है । उसके एक चक्कर पूरे होने को वर्ष कहते हैं । ज्योतिष की गणना के लिये यह आवश्यक है कि सूर्य के भ्रमण का आरंभ किसी स्थान से माना जाय । सूर्य के मार्ग में दी स्थान ऐसे पड़ते हैं जिनपर उसके आने पर रात और दिन बराबर होते हैं ।