निरिंद्रिय

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

निरिंद्रिय वि॰ [सं॰ निरिन्द्रिय]

१. इंद्रियशून्य । जिसे कोई इंद्रिय न हो ।

२. जिसके हाथ, पैर, आँख, कान आदि न हों । या काम के न हों । विशेष— मनु ने जन्मांध, क्लीव पतित, जन्मवधिर, उन्मत्त, जड़, मूक इत्यादि को निरिंद्रिय कहा है और इन्हें पितृघन का अनधिकारी ठहराया है ।

३. प्रमाण या साघनहीन (को॰) ।

५. अनुर्वर (को॰) ।

६. नपुंसक (को॰) ।