निवार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

निवार ^१ संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ नेमि + आर] पहिए के आकार का लकड़ी का वह गोल चक्कर जो कुएँ की नींव में दिया जाता है और जिसके ऊपर कोठी की जोड़ाई होती है । जाखन । जमवट ।

निवार ^२ संज्ञा स्त्री॰ [फा॰ नवार] बहुत मोटे सूत की बुना हुई प्रायः तीन चार अंगुल चौड़ी पट्टी जिससे पलंग आदि बुने जाते हैं । निवाड़ । नेवार । यौ॰—निवारबाफ ।

निवार ^३ संज्ञा पुं॰ [सं॰ नीवार] तिन्नी का धान । मुन्यन्न । पसही । उ॰—कहूँ मूल फल दल मिलि कूटत । कहुँ कहुँ पके निवारनि जूटत ।—गुमान (शब्द॰) ।

निवार ^४ संज्ञा पुं॰ [देश॰] एक प्रकार की मूली जो बहुत मोटी और स्वाद में कुछ मीठी होती है, कडुई नहीं होती ।

निवार ^५ संज्ञा पुं॰ [सं॰] दे॰ 'निवारण' [को॰] ।

निवार बाफ संज्ञा पुं॰ [फा॰ नवार + बाफ] निवार बुननेवाला ।