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निहुरना

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

निहुरना † क्रि॰ अ॰ [हिं॰ नि + होड़न] झुकना । नवना । उ॰—(क) यक से पूजा जौन बिचारा । यक से निहुरि निमाज गुजारा ।—कबीर (शब्द॰) । (ख) कुच अग्र नखच्छत नाह दियो सिर नाय निहारति यों सजनी । ससिसेखर के सिर ते सु मनों निहुरे ससि लेत कला अपनी ।—ब्रह्म (शब्द॰) । यौ॰—निहुरे निहुरे = झुककर । मुहा॰—निहुरे निहुरे ऊँट की चोरी = (१) असंभव कार्य । (२) ऐसी चालाकी जिसे सब जान जाएँ ।