नीक
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]नीक पु † ^१ वि॰ [सं॰ निक्त (= स्वच्छ, साफ), फा॰ नेक] [स्त्री॰ नीकि] अच्छा । सुंदर । भला । अनुकूल । उ॰—(क) अब तुम कही नीक यह सोभा । पै फल सोई भँवर जैहि लोभा ।—जायसी (शब्द॰) । (ख) गुन अवगुन जानत सब कोई । जो जेहि भाव नीक तेहि सोई ।—तुलसी (शब्द॰) । मुहा॰—नीक लगना = (१) रुचना । भाना । रुचि के अनुकूल जान पड़ना । (२) सजना । सुशोभित होना । नीक लागना पु = दे॰ 'नीक लगाना' उ॰—अब तोहि नीक लाग करु सोई ।—मानस, २ । ३६ ।
नीक पु ^२ संज्ञा पुं॰ अच्छाई । उत्तमता । अच्छापन । उ॰—जोई फल देखी सोइ फीका । ताकर काह सराहे नीका ।— जायसी (शब्द॰) ।