पंकरुह संज्ञा पुं॰ [सं॰ पङ्केरुह] कमल । उ॰—पुनि पुनि प्रभु पद कमल गहि जोरि पंकरुह पानि । बोली गिरिजा वचन बर मनहु प्रेम रस सानि ।—मानस, १ ।११६ ।