पंकार

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंकार संज्ञा पुं॰ [सं॰ पङ्कार]

१. एक पेड़ जो गड़हों के कीचड़ों में होता हैं । इस पौधे में स्त्री और पुरुष दो अलग जातियाँ होती हैं ।

२. जलकुब्जक ।

३. सिंघाड़ा ।

४. सेवार ।

५. पुल ।

६. बाँध । सेतु ।

७. सीढ़ी ।