पंगुगति

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंगुगति संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ पङ्गुगति] वर्णिक छंदों का एक दोष । विशेष—जब किसी वर्णिक छंद मे लघु के स्थान मे गुरु या गुरु के स्थान मे लघु आ जाता है तब यह दोष माना जाता है । जैसे,—'फूटि गए श्रुति ज्ञान के केशव आँखि अनेक विवेक की फूटी । इसमें ज्ञान के साथ 'और' विवेक के साथ 'की' गुरु हैं । यहाँ नियमानुसार लघु होना चाहिए था ।