पंचमूल

विक्षनरी से


हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंचमूल संज्ञा पुं॰ [सं॰ पञ्चमूल] वैद्यक में एक पाचन औषध जो औषधियों की जड़ लेकर बनती है । विशेष—औषधिभेद से पंचमूल कई हैं जैसे—बृहत्, स्वल्प, तृण, शतावर्त, जीवन, बला, गोखुर इत्यादि । बृहत्पंचमूल—बेल, सेनापाठा (श्योनाक), गँभारी, पाँडर और गनियारी । स्वल्पपंचमूल—शालपर्णी, पृश्निपर्णी (पिठवन), बड़ी भटक- टैया, छोटी भटकटैया और गोखरू । तृणपंचमूल—कुश, काश, शर, इक्षु और दर्भ ।