पंचरत्न

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंचरत्न संजा पुं॰ [सं॰ पञ्चरत्न] पाँच प्रकार के रत्न । विशेष—कुछ लोग सोना, हीरा, नीलम, लाल और मोती को पंचरत्न मानते हैं ओर कुछ लोग मोती, मूँगा, वैक्रांत, हीरा और पन्ना को ।

२. महाभारत के पाँच प्रसिद्ध आख्यान— गीता, विष्णुसस्त्रनाम, भीष्मस्तवराज, अनुस्मृति ओर गजेंद्र- मोक्ष (को॰) ।