पंचलौह

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पंचलौह संज्ञा पुं॰ [सं॰]

१. पाँच धातुएँ—सोना, चाँदी, ताँबा, सीसा और राँगा ।

२. पाँच प्रकार का लोहा—वज्रलोह, कांतलोह, पिंडलोह ओर क्रौंचलोह ।