पटका

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पटका संज्ञा पुं॰ [सं॰ पट्टक]

१. वह दुपट्टा या रूमाल जिससे कमर बाँधी जाय । कमरबंद । कमरपेच । उ॰—खैंचि कमर सौं बाँध्या पटका । अध पति हुआ बैठकर पटका ।—सुंदर ग्र॰, भा॰ १, पृ॰ ३५१ । क्रि॰ प्र॰—बाँधना । मुहा॰—पटका बाँधना = कमर कसना । किसी काम के लिये तैयार होना । पटका पकड़ना = किसी को कार्यविशेष के लिये उत्तरदायी या अपराधी मानकर रोकना । कार्यविशेष से अपना असंबंध बताकर जान बचाने का प्रयत्न करनेवाले को रोक रखने और उस काम का जिम्मेदार ठहराना । दामन पकड़ना ।

३. दीवार में वह बंद या पट्टी जो सुंदरता के लिये जोड़ी जाती है ।