पटनी
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पटनी ^१ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पाटना] वह कमरा जिसके ऊपर कोई और कमरा हो । कोठे के नीचे का कमरा । पटौंहा ।
पटनी ^२ संज्ञा स्त्री॰ [हिं॰ पटना ( = तै होना)]
१. जमींदारी का वह अंश जो निश्चित लगान पर सदा के लिये बंदोबस्त कर दिया गया हो । वह जमीन जो किसी को इस्तमरारी पट्टे के द्बारा मिली हो । यौ॰—पटनीदार । विशेष—यदि काश्तकार इस जमीन या इसके अंशविशेष को वे ही अधीकार देकर जो उसे जमींदार से मिले है, दूसरे मनुष्य के साथ बंदोबस्त कर दे तो उसे 'दरपटनी' और ऐसे ही तीसरे बंदोबस्त के बाद उसे 'सिपटनी' कहते हैं ।
२. खेत उठाने की वह पद्धति जिसमें लगान और किसान या असामी के अधिकार सदा के लिये निश्चित कर दिए जाते हैं । इस्तमरारी पट्टो द्बारा खेत का बंदोबस्त करने की पद्धति ।
३. दो खूँटियों के सहारै लगाई हुइ पटरी जिसपर कोई चीज रखी जाय ।