पड़ताल

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पड़ताल संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ परितोलन]

१. पड़तालना क्रिया का भाव । किसी वस्तु की सूक्ष्म छानबीन । भली भाँति जाँच या देख भाल । गौर के साथ किसी चीज की जाँच । अन्वीक्षण । अनुसंधान । क्रि॰ प्र॰—करना ।—होना । विशेष—इस अर्थ में यह शब्द प्राय: 'जाँच' के साथ यौगिक रूप में बोला जाता है, अकेले क्वचित् प्रयुक्त होता है । जैसे,— वे हिसाब की जाँच पड़ताल करने आए थे ।

३. गाँव अथवा नहर के पटवारी द्बारा खेतों की एक विशेष प्रकार की जाँच । विशेष—यह जाँच खरीफ, रबी और फस्ल जायद नामक तीनों कालों के लिये अलग अलग तीन बार होती है । खेत में कौन सी चीज बोई गई है, किसने बोई है, खेत सींचा गया है या नहीं, सींचा गया है तो कहाँ से जल लाकार सींचा गया है, आदि बातें इस जाँच में लिखी जाती हैं । गाँव का पटवारी प्रत्येक पड़ताल के बाद जिंसवार एक नकशा बनाता है । इस नकशे से माल के अधिकारियों को यह मालूम होता है कि इस वर्ष कोन सी चीज कितने बीघे बोई गई है, उसकी क्या अवस्था है और वह कितनी उपजेगी, आदि ।

३. मार । (क्व॰) । विशेष—इस अर्थ में इस शब्द का प्रयोग बहुधा बालकों को ही मारने पिटने के संबंध में होता है ।