पतंगा
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पतंगा संज्ञा पुं॰ [सं॰ पतङ्ग]
१. पतंग । कोई उड़नेवाला कीड़ा मकोड़ा । फतिंगा या पाँखी आदि ।
२. परदार कीड़ों की जाति का एक विशेष कीड़ा जो प्रायः घासों अथवा वृक्ष की पत्तियों पर रहता है । फतिंगा ।
३. चिनगारी । स्फुलिंग । अग्निकण ।
४. दीए की बत्ती वह अंश जो जलकर उससे अलग हो जाता है । फूल । गुल ।