पथिन्
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पथिन् संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. राह । मार्ग ।
२. यात्रा ।
३. कार्य- पद्धति । कार्य की सरणि ।
४. संप्रदाय । मत ।
५. पहुँच ।
६. एक नरक [को॰] । विशेष—संस्कृत के प्रथमा एकवचन में इसका रूप पंथः होता है ओर कर्मकारक बहुवचन में पथः । संस्कृत समास में इसका रूप 'पथ' होता है, जैसे, दृष्टिपथ, सत्पथ, श्रुतिपथ, कर्णपथ आदि । हिंदी में यही रूप प्रचालित और मान्य है ।