पद्य
हिन्दी[सम्पादन]
प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]
शब्दसागर[सम्पादन]
पद्य ^१ वि॰ [सं॰]
१. पद या पैर संबंधी । जिसका संबंध पैरों सें हो
२. जिसमें कविता के पद या चरण हों ।
पद्य ^२ संज्ञा पुं॰ [सं॰]
१. पिंगल के नियमों के अनुसार नियमित मात्रा वा वर्ण का चार चरणोंवाला छंद । कविता । गद्य का उलटा ।
२. शुद्र, जिनकी उत्पत्ति ब्रह्मा के चरणों से मानी जाती है ।
३. शठता ।
४. नातिशुष्क कर्दम । कीचड़ जो एकदम सूखा न हो (को॰) ।