पधारना
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प्रकाशितकोशों से अर्थ
[सम्पादन]शब्दसागर
[सम्पादन]पधारना ^१ क्रि॰ अ॰ [हिं॰ पग + धारण]
१. जाना । चला जाना । गमन करना । उ॰—हाय ! इन कुंजन तें पलटि पधारे श्याम देखन न पाई वह मूरति सुधामई ।—द्विजदेव (शब्द॰) ।
२. आ पहुँचना । आना । उ॰—भले पधारे पाहुँने ह्वै गुडहल के फूल ।—बिहारी (शब्द॰) ।
३. गमन करना । चलना ।
पधारना ^२ क्रि॰ स॰ आदरपूर्वक बैठना । पधराना । प्रतिष्ठित करना । उ॰—(क) तिल पिंडिन में हरिहिं पधारै । विविध भाँति पूजा अनुसारै ।—रघुनाथ (शब्द॰) (ख) एक दिन स्वप्न ही में कह्यो भगवान हम कूप परे हमको पधारिए निकास कै ।—रघुराज (शब्द॰) । विशेष— इस शब्द का प्रयोग केवल बड़े या प्रतिष्ठित के आने अथवा जाने के संबंध में आदरार्थ होता है ।