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पनही

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हिन्दी[सम्पादन]

प्रकाशितकोशों से अर्थ[सम्पादन]

शब्दसागर[सम्पादन]

पनही † संज्ञा स्त्री॰ [सं॰ उपानह] जूता । उ॰—(क) राम लखन सिय बिनुँपग पनही । करि मुनि बेष फिरहि बन बूनहीं ।— मानस, २ । २१० । (ख) और जब आपने मन की दुचिताई के भय से पनही कमर में बाँध ली थी उसको देख के पुजारी पंडों ने आपका तिरस्कार किया ।—भक्तमाल (श्री॰), पृ॰ ४७२ ।